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Unforgettable Jagjit


जगजीत सिंह की याद में
आईए, एक शाम ग़ज़ल- सम्राट को गुनगुनाते हुए अपने बीच महसूस करें

ग़ज़ल सम्राट श्री जगजीत सिंह की स्मृति में परिधि आर्ट ग्रुप ने रविवार (23-10-2011) को एक संगीतमय स्मृति संध्या का आयोजन आई.सी.सी.आर के सभागार में शाम 6 बजे किया है। ग़ज़ल संध्या में श्री जगजीत सिंह के शार्गिद श्री विनोद सहगल तथा जाने-माने गायक श्री जितेन्द्र सिंह जाम्वाल अपनी आवाज़ में ग़ज़ल के अनमोल रत्न को भावभिनी श्रद्धान्जलि देगें। इसके अलावा संगीत व जगजीत सिंह से जुड़े कुछ खास लोग अपने संस्मण बांटेंगे।

परिधि के अध्यक्ष श्री निर्मल वैघ ने कहा कि हमारे समय के सभी गायकों को गज़लों ने पहचान दी, लेकिन जगजीत सिंह अकेले ऐसे महान फ़नकार हैं, जिन्होनें ग़ज़ल को एक नई पहचान दी। इस वर्ष हमनें कला जगत की कुछ महान हस्तियों को खो दिया है। परिधि ने स्मृति शेष भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी, महान साहित्यकार आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री और अब ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह को एक शाम अपने बीच महसूस करने  के लिये स्मृति संध्या का आयोजन किया है।  

जगजीत सिंह के शार्गिद श्री विनोद सहगल ने कहा कि उनके जाते ही मैं ख़ुद को बेसहारा महसूस कर रहा हूँ। श्री जगजीत सिंह का वजूद उनकी गायिकी में है और वो हमारे साथ हमेशा रहेगा। उनके जाने का दुख मेरी वो ख़ाली दुनिया है, जिसे मैं शब्दों मे बयां नहीं कर सकता।

जाने-माने शास्त्रीय व ग़ज़ल गायक श्री जितेन्द्र सिंह जाम्वाल ने कहा कि जगजीत सिंह के जाते ही संगीत के एक युग का अंत होग गया। वो हमारे जैसे सभी गायकों के प्ररेणास्रोत थे। 23 की शाम को हम सभी उनको गुनगुनाते हुये, उनकी उपस्थिति अपने बीच महसूस करेगें।

श्री जगजीत सिंह जी की आख़िरी एलबम में ग़ज़ल लिखने वाले तथा इस कार्यक्रम से जुड़े शायर श्री आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि वो ग़ज़लों को पहले जीते थे, फिर गाते थे। उनके लिए ग़ज़ल महत्वपूर्ण थी न कि शायर की वरिष्ठता और इसीलिए उन्होंने मुझ जैसे युवा को अपने एलबम में शामिल किया।

जगजीत सिंह की स्मृति में आयोजित संध्या का संचालन प्रख्यात सिने व टी.वी अभिनेत्री जोयोश्री अरोड़ा करेंगी।

इस अवसर पर जगजीत सिंह के अऩुज करतार सिंह व उनके परिजन भी उपस्थित होकर अपने संस्मरण बांटेंगे।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-
अपूर्वा बजाज
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