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होली के अवसर डा संगीता गौ़ड़ की अविस्मरणीय प्रस्तुति




कला एव संस्कृति को समर्पित ‘परिधि आर्ट ग्रुप’ के द्वारा होली के शुभ अवसर पर 18 मार्च,2011 को सायं 7 बजे से इंडिया हबिटैट सेंटर के एम्फी  थियेटर में एक रंगारंग कार्यक्रम ‘परिधि फागुनोत्सव’ आयोजित किया गया। उल्लास एवं रंगों के इस त्यौहार में प्रसिद्ध गायिका डा. संगीता गौड़ द्वारा ब्रज, राजस्थानी तथा अवधी में होली गीतों की प्रस्तुति की गयी। मोरे कान्हा जो आये पलट के, अब के होरी मैं खेलूंगी डट के सीया के हाथ कनक पिचकारी, केकरे हाथ अबीरा अवध में जैसे  पारंपरिक होली गीतों का कार्यक्रम में मौजूद देश-विदेश के  लोगों ने जमकर आनंद उठाया और रंगों के इस त्यौहार में सब कुछ भुलकर आपसी प्रेम और भाईचारे का नमूना पेश किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध फिल्मकार श्री संदीप मारवाह थे। अन्य उपस्थित अतिथियों में अक्षरम के अध्यक्ष श्री अनिल जोशी, वरिष्ठ सांस्कृतिकर्मी श्री नारायण कुमार, समाज सेवी श्री नरेंद्र शर्मा, श्री आनंद वर्मा एवं श्री देवरत्न शर्मा, प्रख्यात रंगकर्मी श्री अरविन्द गौड़, कवि श्री नरेश शांडिल्य थे। इसके अलावा इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों से साहित्यकर्मी, समाजसेवी, रंगकर्मी व संस्कृतिकर्मियों के साथ-साथ काफी संख्या में युवा वर्ग भी मौजूद था। होली के गीतों के माध्यम से आपसी प्रेम और भाईचारे के संवाद को प्रदर्शित कर ‘परिधि आर्ट ग्रुप’ समाज में युवाओं के बीच हर्ष और उल्लास के प्रतीक होली के पवित्र त्यौहार की सार्थकता प्रस्तुत करना चाहती है जिससे प्रेरित होकर हमारा युवा समाज अपनी कला एवं संस्कृति के औचित्य को आत्मसात कर सके।
इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष निर्मल वैद ने कहा कि होली के पारंपरिक गीत जिनसे आज हमारा युवा-वर्ग अनभिज्ञ है, परिधि का उद्देश्य अपनी पारंपरिक कला-संस्कृति के उत्कृष्ट स्वरूप को उनके सामने प्रस्तुत करना है।
कार्यक्रम के आरंभ में जापान में आयी प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिये दो मिनट का मौन रखा गया।‘परिधि आर्ट ग्रुप’ कला-साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों से कार्य कर रही है। इस संस्था का उद्देश्य समाज में कला साहित्य को युवाओं के बीच प्रस्तुत कर आधुनिक समाज में इसकी एक नई पहचान बनाने की है।

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